ऐसा चुभा कांटा पांव में ओ कान्हा तोरे गांव में भजन लिरिक्स - Aisa Chubha Kanta Pav Me O Kanha Tore Gao Me Bhajan Lyrics
ऐसा चुभा कांटा पांव में ओ कान्हा तोरे गांव में भजन लिरिक्स पी से मिलन को चली है राधे, तज बरसानो गांव पी से मिलन की आस में कर लई खूब सिंगार बनाओ जी चाहे उड़ जाए मिले जहां पिया को ठाव पी की धुन में जा रही तो कांटा पर पड़ गओ पांव ऐसा चुभा कांटा पांव में ओ कान्हा तोरे गांव में लाज के मारे मर मर जाऊं कैसे निकालूं समझ ना पाऊं के ऐसा चुभा कांटा पाँव में ओ कान्हा तोरे गांव में रंग रंगीला हुआ जाए गोरा गोरा अंग मोरा पीला हुआ जाए कैसे निकालूं समझ ना पाऊं मन की बतियां किसको सुनाऊं कि ऐसा चुभा कांटा पांव में ओ कान्हा तोरे गांव में याद रहेगा तेरा प्यार, तूने किया है मेरा जीना दुश्वार ऐसा लगता है जीना सकूं मैं प्रेम का अमृत पी ना सकूं मैं कि ऐसा चुभा कांटा पांव में ओ कान्हा तोरे गांव में तड़पत हूं में दिन रेन अंग अंग दुखे मेरा जिया है बेचैन पांव में कांटा जबसे चुभा है जीवन भर का रोग लगा है कि ऐसा चुभा कांटा पांव में ओ कान्हा तोरे गांव में...